सोमवार, 31 अगस्त 2015

रितु बसंत जाचक भया


रितु बसंत जाचक भया, हर लिये  द्रुम पात।
ताते नव पल्लव भया, दिया दूर नहीं जात।।
भावार्थ
बसंत ऋतु के आगमन पर समस्त पेङों के पत्ते झङ जाते हैं किन्तु शीघ्र ही नव पल्लव का भी आगमन हो जाता है
कबीर कहते हैं कि उसी प्रकार जरूरतमंद को किया गया अर्थ दान जाता अवश्य दिखाई देता है किंतु ईश्वर किसी न किसी माध्यम से उसकी पूर्ति कई गु
ना पूरी कर देता है परोपकार मैं लगाया धन नव पत्तों की तरह फिर से प्राप्त हो जाता है

सत्संगतिः मनुष्यों का कौन सा भला नहीं करती

जाड्यं धियो हरति सिंचति वाचि सत्यं ,

मानोन्नतिं दिशति पापमपाकरोति |

चेतः प्रसादयति दिक्षु तनोति कीर्तिं ,

सत्संगतिः कथय किं न करोति पुंसाम् ||

अर्थात्: अच्छे मित्रों का साथ बुद्धि की जड़ता को हर लेता है ,वाणी में सत्य का संचार करता है, मान और उन्नति को बढ़ाता है

और पाप से मुक्त करता है | चित्त को प्रसन्न करता है और ( हमारी )कीर्ति को सभी दिशाओं में फैलाता है |(आप ही ) कहें कि

सत्संगतिः मनुष्यों का कौन सा भला नहीं करती |

ज्ञानी हो कर भी मूर्ख होता है

बलवानप्यशक्तोऽसौ धनवानपि निर्धनः |

श्रुतवानपि मूर्खोऽसौ यो धर्मविमुखो जनः ||

अर्थात् : जो व्यक्ति धर्म ( कर्तव्य ) से विमुख होता है वह ( व्यक्ति ) बलवान् हो कर भी असमर्थ , धनवान् हो कर भी निर्धन तथा

ज्ञानी हो कर भी मूर्ख होता है |

please smile in every conditions with everyone

ईश्वर "टूटी" हुई चीज़ों का इस्तेमाल कितनी ख़ूबसूरती से
करता है ..,,
जैसे ....
बादल टूटने पर पानी की फुहार आती है ......
मिट्टी टूटने पर खेत का रुप लेती है....
पौधा टूटने पर बीज अंकुरित हो जाता है .....
और बीज टूटने पर एक नये पौधे की संरचना होती है ....
इसीलिये जब आप ख़ुद को टूटा हुआ महसूस करे तो समझ
लिजिये ईश्वर आपका इस्तेमाल किसी बड़ी उपयोगिता के
लिये करना चाहता है So please smile in every
conditions with everyone

जनाजा

जनाजे को ले जाते वक्त ये ना सोचो के तुम उसे उसकी मंजिल तक पोहचा रहे हो,

हकीकत मे वो जनाजा तुम्हे तुम्हारी मंजिल बता रहा है...‼

गुरुवार, 27 अगस्त 2015

व्यवहार और शब्द

कोई भी व्यक्ति हमारा मित्र या शत्रु बनकर संसार में नही आता...,,

हमारा व्यवहार और शब्द ही लोगो को मित्र और शत्रु बनाते है..

खाली बोतल

खाली बोतल ले जानेवालो ने
बंगले बना लिए ,

और बोतल खाली करने
वालो ने जमीन बेच दी ।

मूँगफली में दाना नहीं

आज का गंभीर विचार:

रिश्तों को बहुत ही सावधानी से निभाना चाहिये
...रिश्ते की डोर बड़ी नाज़ुक होती है ...जरा सी बात पे कैसे एक रिश्ता टूट जाता है, उदाहरण देखें

मूँगफली में दाना नहीं ... हम तुम्हारे मामा नहीं

बुधवार, 26 अगस्त 2015

चिंता का विषय

चिंता का विषय:

जिस देश में लोगो को "पिछड़ा" करने की होड़ लगी हो वो "देश" आगे कैसे बढेगा...!!

भगवती करणी (रोला छंद)

भगवती करणी (रोला छंद)

नमो नाथ परभाथ, भवानी करणी माता।
सद् बुध्दि  विनय विवेक , सुख संपत्ति की दाता।।

Don't hurt a friend

Thought for the day....

Don't hurt a friend who loves
u,
Sacrifice everything for your
friend.
But don't sacrifice a friend for
anything....

रिश्ते होते है मोतियों की तरह.....

रिश्ते होते है मोतियों की
तरह...... . . . .
      कोई ''गिर'' भी जाए तो
''झुक'' के उठा लेना चाहिये

प्रतिभा

****
प्रतिभा ईश्वर से मिलती है,
आभारी रहें,

ख्याति समाज से मिलती है,
आभारी रहें,

लेकिन
मनोवृत्ति और घमंड स्वयं से
मिलते हैं, सावधान रहें.

मंगलवार, 25 अगस्त 2015

दरकते रिश्त

दरकते रिश्ते:
------------------

“भाभी अगर कल तक मेरी राखी की पोस्ट आप तक नहीं पँहुची तो परसों मैं आपके यहाँ आ रही हूँ ..भैया से कह देना ”
कह कर रीना ने फोन रख दिया|

अगले दिन भाभी ने सुबह ११बजे ही फोन करके कहा -
‘रीना राखी पँहुच गई हैं”

पर भाभी मैंने तो इस बार राखी पोस्ट ही नहीं की थी!!!

सुन्दर प्रार्थना

एक बहुत सुन्दर प्रार्थना है।
वे कहते हैँ कि....
.
हे भगवान् ! मेरे तीन अपराधो
को माफ़ करो।
यह जानते हुए भी कि-
1... तुम सर्वव्यापी हो, मैँ तुम्हेँ
काशी, मथुरा, अयोध्या, केदार
आदि मेँ खोजता हूँ। यह मेरा
पहला अपराध है....
.
2... तुम शब्दोँ से परे हो, मैँ
तुमको शब्दोँ से बाँधता हूँ, एक
नाम देता हूँ। यह मेरा दूसरा
अपराध है..
.
3... तुम सर्वज्ञाता हो, मैँ तुम्हेँ
अपनी इच्छाएँ बताता हूँ, उन्हेँ
पूरा करने को कहता हूँ। यह मेरा तीसरा अपराध है..
.
अपनी रहमत करके मुझे इनसे
उभरने में मदद करें ।
ईश्वर की तरफ से शिकायत:

मेरे प्रिय...
सुबह तुम जैसे ही सो कर उठे, मैं तुम्हारे बिस्तर के पास ही खड़ा था। मुझे लगा कि तुम मुझसे कुछ बात
करोगे। तुम कल या पिछले हफ्ते हुई किसी बात या घटना के लिये मुझे धन्यवाद कहोगे। लेकिन तुम फटाफट चाय पी कर तैयार होने चले गए और मेरी तरफ देखा भी नहीं!!!

फिर मैंने सोचा कि तुम नहा के मुझे याद करोगे। पर तुम इस उधेड़बुन में लग गये कि तुम्हे आज कौन से कपड़े पहनने है!!!

फिर जब तुम जल्दी से नाश्ता कर रहे थे और अपने ऑफिस के कागज़ इक्कठे करने के लिये घर में इधर से उधर दौड़ रहे थे...तो भी मुझे लगा कि शायद अब तुम्हे मेरा ध्यान आयेगा,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

फिर जब तुमने आफिस जाने के लिए ट्रेन पकड़ी तो मैं समझा कि इस खाली समय का उपयोग तुम मुझसे बातचीत करने में करोगे पर तुमने थोड़ी देर पेपर पढ़ा और फिर खेलने लग गए अपने मोबाइल में और मैं खड़ा का खड़ा ही रह गया।

मैं तुम्हें बताना चाहता था कि दिन का कुछ हिस्सा मेरे साथ बिता कर तो देखो,तुम्हारे काम और भी अच्छी तरह से होने लगेंगे, लेकिन तुमनें मुझसे बात
ही नहीं की...

एक मौका ऐसा भी आया जब तुम
बिलकुल खाली थे और कुर्सी पर पूरे 15 मिनट यूं ही बैठे रहे,लेकिन तब भी तुम्हें मेरा ध्यान नहीं आया।

दोपहर के खाने के वक्त जब तुम इधर-
उधर देख रहे थे,तो भी मुझे लगा कि खाना खाने से पहले तुम एक पल के लिये मेरे बारे में सोचोंगे,लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

दिन का अब भी काफी समय बचा था। मुझे लगा कि शायद इस बचे समय में हमारी बात हो जायेगी,लेकिन घर पहुँचने के बाद तुम रोज़मर्रा के कामों में व्यस्त हो गये। जब वे काम निबट गये तो तुमनें टीवी खोल लिया और घंटो टीवी देखते रहे। देर रात थककर तुम बिस्तर पर आ लेटे।
तुमनें अपनी पत्नी, बच्चों को शुभरात्रि कहा और चुपचाप चादर ओढ़कर सो गये।

मेरा बड़ा मन था कि मैं भी तुम्हारी दिनचर्या का हिस्सा बनूं...

तुम्हारे साथ कुछ वक्त बिताऊँ...

तुम्हारी कुछ सुनूं...

तुम्हे कुछ सुनाऊँ।

कुछ मार्गदर्शन करूँ तुम्हारा ताकि तुम्हें समझ आए कि तुम किसलिए इस धरती पर आए हो और किन कामों में उलझ गए हो, लेकिन तुम्हें समय
ही नहीं मिला और मैं मन मार कर ही रह गया।

मैं तुमसे बहुत प्रेम करता हूँ।

हर रोज़ मैं इस बात का इंतज़ार करता हूँ कि तुम मेरा ध्यान करोगे और
अपनी छोटी छोटी खुशियों के लिए मेरा धन्यवाद करोगे।

पर तुम तब ही आते हो जब तुम्हें कुछ चाहिए होता है। तुम जल्दी में आते हो और अपनी माँगें मेरे आगे रख के चले जाते हो।और मजे की बात तो ये है
कि इस प्रक्रिया में तुम मेरी तरफ देखते
भी नहीं। ध्यान तुम्हारा उस समय भी लोगों की तरफ ही लगा रहता है,और मैं इंतज़ार करता ही रह जाता हूँ।

खैर कोई बात नहीं...हो सकता है कल तुम्हें मेरी याद आ जाये!!!

ऐसा मुझे विश्वास है और मुझे तुम
में आस्था है। आखिरकार मेरा दूसरा नाम...आस्था और विश्वास ही तो है।
.
.
.
तुम्हारा  ईश्वर...

✔जब भी बड़ो के साथ बैठो तो परमात्मा का धन्यवाद  करो , क्योंकि कुछ लोग इन लम्हों को तरसते हैं ।

✔जब भी अपने काम पर जाओ तो परमात्मा का धन्यवाद करो , क्योंकि बहुत से लोग बेरोजगार हैं ।

✔परमात्मा का धन्यवाद कहो जब तुम तन्दुरुस्त हो , क्योंकि बीमार किसी भी कीमत पर सेहत खरीदने की ख्वाहिश रखते हैं ।

✔ परमात्मा का धन्यवाद कहो की तुम जिन्दा हो , क्योंकि मरे हुए लोगों से पूछो जिंदगी कीमत ।

दोस्तों की ख़ुशी के लिए तो कई मैसेज भेजते हैं । देखते हैं परमात्मा के धन्यवाद का ये मैसेज कितने लोग शेयर करते हैं ।

किसी पर कोई दबाव नही है ।

रीश्तो की खूबसूरती

रीश्तो की खूबसूरती एक दूसरे की आदते बर्दास्त करने में है।
बाकी खुद के जैसा इंसान ढूंढने जाओगे तो अकेले रह जाओगे।

दिन गया टल

जिस ने कहा कल
दिन गया टल
जिसने कहा परसो
बीत गए बरसों
जिसने कहा आज
उसने किया राज
अर्ज किया है,,,
                      दिल में कोई गम नहीं,,,
बातों में कोई दम  नहीं,,,
                     

पेड़ लगाएँ,- खुशियाँ पाएँ..


मैंने एक चिड़िया पाली...
एक दिन वो उड़ गई |

फिर मैंने एक गिलहरी पाली...
एक दिन वो भी चली गई | 

फिर मैंने एक दिन एक पेड़ लगाया..
दोनों वापिस आ गई |
         
     पेड़ लगाएँ,- खुशियाँ पाएँ..

सोमवार, 24 अगस्त 2015

'समय' न लगाओ तय करने में,

'समय' न लगाओ तय करने में, आप को करना क्या है.
वरना 'समय' तय कर लेगा कि, आपका क्या करना है.. .
पैसा  एक  ही  भाषा  बोलता  है,
अगर तुमने "आज" मुझे बचा लिया तो..
"कल"  मै तुम्हे  बचा  लूंगा

"पैसा फिर कहता है, भले मैं उपर साथ नहीं जाऊंगा पर
जब तक मै नीचे हूँ
तुझे बहुत उपर लेके जाऊंगा.."

रविवार, 23 अगस्त 2015

ब्रान्डेड चीज

हमेशा ब्रान्डेड चीजो का ही ईस्तमाल करे
होठों के लिये " सत्य "☝
आवाज के लिये " प्रार्थना"
आंखो के लिये " दया"
हाथों के लिये " दान "
❤ह्दय के लिये ".प्रेम"
और
चहेरे के लिये " हँसी ".
         Good moring

सीढियां

फर्क सिर्फ सोच का होता हैं..
सकारात्मक या नकारात्मक…!

वरना सीढियां वही होती है –

जो किसी के लिए ऊपर जाती हैं,
और किसी के लिए नीचे आती हैं|

जीवन का उद्देश्य

Aaj ka Gayn
Qus→ जीवन का उद्देश्य क्या है?
Ans→ जीवन का उद्देश्य उसी चेतना को जानना है जो जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है। उसे जानना ही मोक्ष है
Qus→ जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त कौन है? 
Ans→ जिसने स्वयं को, उस आत्मा को जान लिया वह जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त है।
Qus→संसार में दुःख क्यों है
Ans→लालच, स्वार्थ, भय संसार के दुःख का कारण हैं।
Qus→ ईश्वर ने दुःख की रचना क्यों की?
Ans→ ईश्वर ने संसार की रचना की और मनुष्य ने अपने विचार और कर्मों से दुःख और सुख की रचना की।
Qus→ क्या ईश्वर है? कौन है वह? क्या रुप है उसका? क्या वह स्त्री है या पुरुष? 
Ans→ कारण के बिना कार्य नहीं। यह संसार उस कारण के अस्तित्व का प्रमाण है। तुम हो इसलिए वह भी है उस महान कारण को ही आध्यात्म में ईश्वर कहा गया है। वह न स्त्री है न पुरुष।
Qus→ भाग्य क्या है
Ans→हर क्रिया, हर कार्य का एक परिणाम है। परिणाम अच्छा भी हो सकता है, बुरा भी हो सकता है। यह परिणाम ही भाग्य है। आज का प्रयत्न कल का भाग्य है।
Qus→ इस जगत में सबसे बड़ा आश्चर्य क्या है?
Ans→ रोज़ हजारों-लाखों लोग मरते हैं फिर भी सभी को अनंतकाल तक जीते रहने की इच्छा होती है. इससे बड़ा आश्चर्य और क्या हो सकता है?
Qus→किस को गंवाकर चीज मनुष्य धनी बनता है?
Ans→ लोभ 
Qus→ कौन सा एकमात्र उपाय है जिससे जीवन सुखी हो जाता है? 
Ans → अच्छा स्वभाव ही सुखी होने का उपाय है.
Qus → किस चीज़ के खो जाने पर दुःख नहीं होता
Ans → क्रोध.
Qus→ धर्म से बढ़कर संसार में और क्या है?
Ans → दया
Qus→क्या चीज़ दुसरो को नहीं देनी चाहिए ? 
Ans→ तकलीफें, धोखा 
Qus→ क्या चीज़ है जो दूसरो ki नहीं लेनी चाहिए ?
Ans→ इज़्ज़त, हाय
Qus→ ऐसी चीज़ जो जीवों से सब कुछ करवा सकती है
Ans→मज़बूरी
Qus→ दुनियां की अपराजित चीज़ ?
Ans→ सत्य
Qus→ दुनियां में सबसे ज़्यादा बिकने वाली चीज़ ?
Ans→ झूठ
Qus→ करने लायक सुकून का कार्य ?
Ans→ परोपकार
Qus→ दुनियां की सबसे बुरी लत ?
Ans→ मोह 
Qus→ दुनियां का स्वर्णिम स्वप्न ?
Ans→ जिंदगी 
Qus→ दुनियां की अपरिवर्तनशील चीज़ ?
Ans→ मौत 
Qus→ ऐसी चीज़ जो स्वयं भी समझ न आये ?
Ans→ मूर्खता 
Qus→  दुनियां नष्ट/ नश्वर न होने वाली चीज़ ?
Ans→ आत्मा और ज्ञान
Qus→ कभी न थमने वाली चीज़ ?
Ans→ समय
शुभरात्रि मित्रों

शनिवार, 22 अगस्त 2015

नाराजगी


"रिश्ता" दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
"नाराजगी" शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!

सड़क कितनी भी साफ हो
"धुल" तो हो ही जाती है,
इंसान कितना भी अच्छा हो
"भूल" तो हो ही जाती है!!!

आइना और परछाई के
जैसे मित्र रखो क्योकि
आइना कभी झूठ नही बोलता और परछाई कभी साथ नही छोङती......

खाने में कोई 'ज़हर' घोल दे तो
एक बार उसका 'इलाज' है..
लेकिन 'कान' में कोई 'ज़हर' घोल दे तो,
उसका कोई 'इलाज' नहीं है।

"मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को
'अहमियत' देता हूँ...क्योंकि
जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!

अगर लोग केवल जरुरत पर
ही आपको याद करते है तो
बुरा मत मानिये बल्कि
गर्व कीजिये  क्योंकि "
मोमबत्ती की याद तभी आती है,
जब अंधकार होता है।"

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नाराजगी


"रिश्ता" दिल से होना चाहिए, शब्दों से नहीं,
"नाराजगी" शब्दों में होनी चाहिए दिल में नहीं!

सड़क कितनी भी साफ हो
"धुल" तो हो ही जाती है,
इंसान कितना भी अच्छा हो
"भूल" तो हो ही जाती है!!!

आइना और परछाई के
जैसे मित्र रखो क्योकि
आइना कभी झूठ नही बोलता और परछाई कभी साथ नही छोङती......

खाने में कोई 'ज़हर' घोल दे तो
एक बार उसका 'इलाज' है..
लेकिन 'कान' में कोई 'ज़हर' घोल दे तो,
उसका कोई 'इलाज' नहीं है।

"मैं अपनी 'ज़िंदगी' मे हर किसी को
'अहमियत' देता हूँ...क्योंकि
जो 'अच्छे' होंगे वो 'साथ' देंगे...
और जो 'बुरे' होंगे वो 'सबक' देंगे...!!

अगर लोग केवल जरुरत पर
ही आपको याद करते है तो
बुरा मत मानिये बल्कि
गर्व कीजिये  क्योंकि "
मोमबत्ती की याद तभी आती है,
जब अंधकार होता है।"

Pls Share All This Beautiful Kavita

Another chance

There is always another chance for everything in life..
But fact is, there is no chance of another life..
So Dream it,
Mean it,
Live it,
Love it..

Good luck
Good morning

शुक्रवार, 21 अगस्त 2015

चकित हूँ भगवन

"चकित हूँ भगवन , तुझे कैसे रिझाऊं,,,
कोई वस्तु नहीं ऐसी जिसे तुझ पर चढाऊं...!!

भगवान ने उत्तर दिया : "संसार की हर वस्तु तुझे मैनें दी है। तेरे पास अपनी चीज सिर्फ तेरा अहंकार है, जो मैनें नहीं दिया, उसी को तूं मेरे अर्पण कर दे... तेरा जीवन सफल हो जाएगा......!!!!"
 

कड़वा है मगर सच ह

### कड़वा है मगर सच है ###
1. शेर दिन में 20 घन्टे सोता है अगर मेहनत सफलता की कुंजी होती तो गधे जंगल के राजा होते।
2. कोई आपको धोखा दें यह उसकी गलती है वही इन्सान अगर आपको दोबारा धोखा दे तो यह आपकी गलती है।
3. अच्छी जिन्दगी जीने के दो ही तरीके है जो पसन्द है उसे हासिल कर लो जो हासिल है उसे पसन्द करना सीख लो।
4. दुनिया की सबसे सस्ती चीज है सलाह एक से माँगो हजारो से मिलती है और सबसे मँहगा है सहयोग हजारो से माँगो एक से मिलता है।
5. कठीन समय मे समझदार व्यक्ति रास्ता खोजता है और कायर बहाना।
6. झुकता वही है जिसमें जान होती है अकडना तो लाश की पहचान होतीहै।
7. जिसने खरचा(व्यय) कम करने की बात सोची समझ लो उसने कमाने की अक्ल खो दी।
8. हीरे की काबलियत रखते हो तो अंधेरो में चमका करो रोशनी में तो काँच भी चमकते है।
9. अपने होसले को ये मत बताओ की तुम्हारी तकलीफ कितनी बडी है। अपनी तकलीफ को बताओ की तुम्हारा होंसला कितना बडा है।
10. जिंदगी मे जो हम चाहते है वो आसानी से नही मिलता लेकिन जिँदगी का सच ये है की हम भी वही चाहते है जो आसान नही होता।
11. आप चाहे कितने भी अच्छे काम करो या कितने भी इमानदार बनो.,..पर दुनिया तो आपकी एक गलती का इन्तजार कर रही है।
12. खुश हूं और सबको खुश रखता हुँ । लापरवाह हुँ फिर भी सबकी परवाह करता हुँ । मालुम है कोई मोल नही मेंरा फिर भी अनमोल लोगो से रिस्ता रखता हूँ।

जीने का सलीका

डोर लंबी हो तो मतलब यह नहीं की पतंग ऊपर तक जाएगी,
उडाने का तरीका आना चाहिए,

दौलत ज्यादा होने का मतलब सफल जीवन नहीं,
जीने का सलीका आना चाहिए।।।

पीपल के पत्तों जैसा मत बनो

पीपल के पत्तों जैसा मत बनो जो वक्त आने पर सूख कर गिर जाते है बनना है तो मेहँदी के पत्तों जैसा बनो जो पिस कर भी दूसरों की जिंदगी में रँग भर देते हैं.

ढाई अक्षर

दो अक्षर का होता है लक , ढाई अक्षर का होता है भाग्य , तीन अक्सर का होता है नसीब , साढ़े तीन अक्सर का होता है किश्मत पर ये सब चार अक्सर के मेहनत से छोटे होते हैं.

Facts of Life


Five undeniable Facts
of Life :

1.
Don't educate
your children
to be rich.
Educate them
to be Happy.
So when
they grow up
they will know
the value of things
not the price

2.
Best awarded words
in London ...

"Eat your food
as your medicines.
Otherwise
you have to
eat medicines
as your food"

3.
The One
who loves you
will never leave you
because
even if there are
100 reasons
to give up
he will find
one reason
to hold on

4.
There is
a lot of difference
between
human being
and being human.
A Few understand it.

5.
You are loved
when you are born.
You will be loved
when you die.
In between
You have to manage...!

Nice line from Ratan Tata's Lecture-

If u want to Walk Fast,
Walk Alone..!
But
if u want to Walk Far,
Walk Together..!!

Six Best Doctors in the World-
          1.Sunlight
              2.Rest
          3.Exercise
             4.Diet
   5.Self Confidence
                   &
          6.Friends
Maintain them in all stages of Life and enjoy healthy life

If   you   see   the   moon ..... You   see    the    beauty    of    God .....   If    you   see    the   Sun ..... You   see    the    power   of    God .....   And ....    If   you   see   the   Mirror ..... You   see     the    best    Creation of   GOD .... So    Believe   in     YOURSELF..... :) :) :).

We all are tourists & God is our travel agent who
already fixed all our Routes Reservations & Destinations
So!
Trust him & Enjoy the "Trip" called LIFE...

Just Remove Your Worries...!!

A man asked an Artist: How do you make such beautiful things from stone?
He replied: Beauty is already hidden there, I just remove Extra Stone.
Your Happiness is hidden within yourself,
Just Remove Your Worries...!!

जीवन का कठोर सत्य…

जीवन का कठोर सत्य…

जब कोई  शादीशुदा आदमी कहे की सोच के बताऊंगा..

उसका सीधा सीधा मतलब होता है कि बीवी से पूछ के बताऊंगा…

भाग्य का लोटा

।।श्री हरि:।।
"भाग्य में जितना लिखा है, उतना ही आएगा। लोटे को चाहे समुन्दर में एक मील नीचे डुबो दो, पर बाहर निकलेगा तो पानी उतना ही रहेगा।"

गुरुवार, 20 अगस्त 2015

सागर के दो किनारे

हर एक सागर के दो किनारे होते हैं , कुछ लोग जान से भी प्यारे होते हैं , ये जरुरी नहीं है कोई पास रहे या दूर , क्योंकि जिन्दगी में यादों के भी बड़े सहारे होते हैं ..

शाखा से तोड़े गए फूल

शाखा से तोड़े गए फूल ने हँस कर ये कहा-अच्छा होना भी बुरी बात है इस दुनिया में.....
इसे इत्तेफाक समझो या दर्दनाक हकीकत,आँख जब भी नम हुई, वजह कोई अपना ही निकला.....

शमशान के बाहर

एक शमशान के बाहर लिखा
था...
मंजिल तो तेरी यही थी
बस जिंदगी गुजर गयी आते
आते...
क्या मिला तुझे इस दुनिया
से...
अपनो ने ही जला दिया तुझे
जाते जाते...

बुधवार, 19 अगस्त 2015

राम-राम

कभी सोचा हैं कि हम ""राम-राम"" दो बार क्यों बोलते हैं।
र - 27 वा शब्द  (क ख ग…………)
आ- 2  (अआइईउऊ)
म - 25
कुल योग = 54 × 2 = 108

माळा(माला) के मनके = 108

इसका अर्थ अगर आपने एक इंसान को "" राम राम"" कह दिया तो एक माळा( माला) जप ली।

तो बोलो फेर "" राम-राम""

मौन और मुस्कान

मौन और मुस्कान
दो शक्तिशाली हथियार होते है
मुस्कान से कई समस्याओ को
हल किया जा सकता है
                  और
मौन रहकर कई समस्याओ को
दूर रखा जा सकता है......

दो किनारे

हर एक सागर के दो किनारे होते हैं , कुछ लोग जान से भी प्यारे होते हैं , ये जरुरी नहीं है कोई पास रहे या दूर , क्योंकि जिन्दगी में यादों के भी बड़े सहारे होते हैं ..

महाकवि कालिदास

महाकवि कालिदास अपने समय के महान
विद्वान थे। उनके कंठ में साक्षात सरस्वती का
वास था। शास्त्रार्थ में उन्हें कोई पराजित
नहीं कर सकता था। अपार यश, प्रतिष्ठा और
सम्मान पाकर एक बार कालिदास को अपनी
विद्वत्ता का घमंड हो गया। उन्हें लगा कि
उन्होंने विश्व का सारा ज्ञान प्राप्त कर
लिया है और अब सीखने को कुछ बाकी नहीं
बचा। उनसे बड़ा ज्ञानी संसार में कोई दूसरा
नहीं। एक बार पड़ोसी राज्य से शास्त्रार्थ
का निमंत्रण पाकर कालिदास महाराज
विक्रमादित्य से अनुमति लेकर अपने घोड़े पर
रवाना हुए।
गर्मी का मौसम था, धूप काफी तेज़ और
लगातार यात्रा से कालिदास को प्यास लग
आई। जंगल का रास्ता था और दूर तक कोई
बस्ती दिखाई नहीं दे रही थी। थोङी तलाश
करने पर उन्हें एक टूटी झोपड़ी दिखाई दी।
पानी की आशा में वो उस ओर बढ चले। झोपड़ी
के सामने एक कुआं भी था। कालिदास जी ने
सोचा कि कोई झोपड़ी में हो तो उससे पानी
देने का अनुरोध किया जाए। उसी समय
झोपड़ी से एक छोटी बच्ची मटका लेकर
निकली। बच्ची ने कुएं से पानी भरा और जाने
लगी।
कालिदास उसके पास जाकर बोले ” बालिके!
बहुत प्यास लगी है ज़रा पानी पिला दे।”
बच्ची ने कहा, “आप कौन हैं? मैं आपको जानती
भी नहीं, पहले अपना परिचय दीजिए।”
कालिदास को लगा कि मुझे कौन नहीं
जानता मुझे परिचय देने की क्या आवश्यकता?
फिर भी प्यास से बेहाल थे तो बोले, “बालिके
अभी तुम छोटी हो। इसलिए मुझे नहीं जानती।
घर में कोई बड़ा हो तो उसको भेजो। वो मुझे
देखते ही पहचान लेगा। मेरा बहुत नाम और
सम्मान है दूर-दूर तक। मैं बहुत विद्वान व्यक्ति
हूं।”
कालिदास के बड़बोलेपन और घमंड भरे वचनों से
अप्रभावित बालिका बोली, “आप असत्य कह
रहे हैं। संसार में सिर्फ दो ही बलवान हैं और उन
दोनों को मैं जानती हूं। अपनी प्यास बुझाना
चाहते हैं तो उन दोनों का नाम बाताएं?”
थोङी देर सोचकर कालिदास बोले, “मुझे नहीं
पता, तुम ही बता दो। मगर मुझे पानी पिला
दो। मेरा गला सूख रहा है।”
बालिका बोली, “दो बलवान हैं ‘अन्न’ और
‘जल’। भूख और प्यास में इतनी शक्ति है कि बड़े से
बड़े बलवान को भी झुका दें। देखिए तेज़ प्यास ने
आपकी क्या हालत बना दी है।”
कलिदास चकित रह गए। लड़की का तर्क
अकाट्य था। बड़े से बड़े विद्वानों को
पराजित कर चुके कालिदास एक बच्ची के सामने
निरुत्तर खङे थे।
बालिका ने पुनः पूछा, “सत्य बताएं, कौन हैं
आप?” वो चलने की तैयारी में थी, कालिदास
थोड़ा नम्र होकर बोले, “बालिके! मैं बटोही
हूं।”
मुस्कुराते हुए बच्ची बोली, “आप अभी भी झूठ
बोल रहे हैं। संसार में दो ही बटोही हैं। उन
दोनों को मैं जानती हूँ, बताइए वो दोनों
कौन हैं?”
तेज़ प्यास ने पहले ही कालिदास जी की
बुद्धि क्षीण कर दी थी। लेकिन लाचार होकर
उन्होंने फिर अनभिज्ञता व्यक्त कर दी।
बच्ची बोली, “आप स्वयं को बङा विद्वान
बता रहे हैं और ये भी नहीं जानते? एक स्थान से
दूसरे स्थान तक बिना थके जाने वाला बटोही
कहलाता है। बटोही दो ही हैं, एक चंद्रमा और
दूसरा सूर्य जो बिना थके चलते रहते हैं। आप तो
थक गए हैं। भूख प्यास से बेदम हो रहे हैं। आप कैसे
बटोही हो सकते हैं?”
इतना कहकर बालिका ने पानी से भरा मटका
उठाया और झोपड़ी के भीतर चली गई। अब तो
कालिदास और भी दुखी हो गए। इतने
अपमानित वे जीवन में कभी नहीं हुए। प्यास से
शरीर की शक्ति घट रही थी। दिमाग़ चकरा
रहा था। उन्होंने आशा से झोपड़ी की तरफ़
देखा। तभी अंदर से एक वृद्ध स्त्री निकली। उसके
हाथ में खाली मटका था। वो कुएं से पानी
भरने लगी।
अब तक काफी विनम्र हो चुके कालिदास
बोले, “माते प्यास से मेरा बुरा हाल है। भर पेट
पानी पिला दीजिए बङा पुण्य होगा।”
बूढी माँ बोलीं, ” बेटा मैं तुम्हे जानती नहीं।
अपना परिचय दो। मैं अवश्य पानी पिला
दूँगी।”
कालिदास ने कहा, “मैं मेहमान हूँ, कृपया
पानी पिला दें।” “तुम मेहमान कैसे हो सकते
हो? संसार में दो ही मेहमान हैं। पहला धन और
दूसरा यौवन। इन्हें जाने में समय नहीं लगता,
सत्य बताओ कौन हो तुम?”
अब तक के सारे तर्क से पराजित हताश
कालिदास बोले “मैं सहनशील हूं। पानी पिला
दें।”
“नहीं, सहनशील तो दो ही हैं। पहली, धरती
जो पापी-पुण्यात्मा सबका बोझ सहती है,
उसकी छाती चीरकर बीज बो देने से भी अनाज
के भंडार देती है। दूसरे, पेड़ जिनको पत्थर मारो
फिर भी मीठे फल देते हैं। तुम सहनशील नहीं। सच
बाताओ कौन हो?”
कालिदास लगभग मूर्छा की स्थिति में आ गए
और तर्क-वितर्क से झल्लाकर बोले, ” मैं हठी
हूं।”
“फिर असत्य। हठी तो दो ही हैं, पहला नख और
दूसरा केश। कितना भी काटो बार-बार
निकल आते हैं। सत्य कहें ब्राह्मण कौन हैं आप?”
पूरी तरह अपमानित और पराजित हो चुके
कालिदास ने कहा, “फिर तो मैं मूर्ख ही हूं।”
“नहीं तुम मूर्ख कैसे हो सकते हो। मूर्ख दो ही हैं।
पहला राजा जो बिना योग्यता के भी सब
पर शासन करता है, और दूसरा दरबारी पंडित
जो राजा को प्रसन्न करने के लिए ग़लत बात पर
भी तर्क करके उसको सही सिद्ध करने की चेष्टा
करता है।”
कुछ बोल न सकने की स्थिति में कालिदास
वृद्धा के पैर पर गिर पड़े और पानी की याचना
में गिड़गिड़ाने लगे।
उठो वत्स… ये आवाज़ सुनकर जब कालिदास ने
ऊपर देखा तो साक्षात माता सरस्वती वहां
खड़ी थी। कालिदास पुनः नतमस्तक हो गए।
“शिक्षा से ज्ञान आता है न कि अहंकार। तूने
शिक्षा के बल पर प्राप्त मान और प्रतिष्ठा
को ही अपनी उपलब्धि मान लिया और
अहंकार कर बैठे। इसलिए मुझे तुम्हारे चक्षु खोलने
के लिए ये स्वांग करना पड़ा।”
कालिदास को अपनी गलती समझ में आ गई और
भरपेट पानी पीकर वे आगे चल पड़े।